माय बर्थडे सॉन्ग मूवी रिव्यू – नवभारत टाइम्स
प्रशांत जैन, नवभारत टाइम्स, Fri,19 Jan 2018
किसी भी इंसान का बचपन कभी उसका पीछा नहीं छोड़ता फिर चाहे वह अपनी जिंदगी में कोई भी मुकाम हासिल कर ले। फिल्म ‘माय बर्थडे सॉन्ग’ में एक ऐड एजेंसी चलाने वाले राजीव कौल (संजय सूरी) के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है। अपने बचपन में मां-बाप के बीच झगड़े की वजह से परेशान रहने वाले राजीव का अतीत जवानी में उसके सामने कुछ ऐसे खौफनाक अंदाज में वापसी करता है कि वह सिहर उठता है। अपने 40वें बर्थडे की पार्टी दोस्तों के सेलिब्रेट करते वक्त राजीव की मुलाकात एक अजनबी लड़की सैंडी (नोरा फतेही) से होती है जो कि एक बार पहले भी उसकी जिंदगी में आ चुकी थी। पार्टी के बाद राजीव से स्क्रिप्ट डिस्कस करने के बहाने सैंडी वहीं रुक जाती है। दोनों एक बार फिर से करीब आने लगते हैं लेकिन अचानक सैंडी राजीव को रोकती है और एक हादसा हो जाता है, जिसमें सैंडी की जान चली जाती है।
घबराया राजीव ढेर सारी शराब पीकर और गोली लेकर सो जाता है। अगले दिन जब उसकी आंख खुलती है तो उसे पता चलता है कि उसने कल रात एक बुरा सपना देखा था। हकीकत में उसका जन्मदिन आज है। उस पूरे दिन भी राजीव के साथ अजीब-अजीब चीजें होती हैं। उसे अपने दोस्त से सैंडी के बारे में पता लग जाता है। वह उससे मिलने होटल जाता है,तो दोबारा से एक ऐक्सिडेंट में सैंडी का उसके हाथों खून हो जाता है। राजीव फिर से चीजों से भागता है। आखिरकार उसे एक ऐसी सच्चाई का पता लगता है कि वह सिर पकड़ लेता है। इस सचाई को जानने के लिए आपको सिनेमाघर का रुख करना होगा।
रिव्यू: संजय सूरी को बॉलिवुड फिल्मों में साइड रोल के लिए जाना जाता है लेकिन इस बार उन्होंने बतौर प्रड्यूसर थ्रिलर फिल्म बनाकर उसमें लीड रोल ट्राई किया है। संजय अपने रोल में जमे हैं। एक कन्फ्यूज इंसान जिसकी जिंदगी में सब कुछ अजीब हो रहा है के रोल में उन्होंने अच्छा काम किया है। फिल्म पूरी तरह संजय के कंधों पर टिकी है। बाकी कलाकारों ने भी खूब उन्हें सपॉर्ट किया है। डायरेक्टर समीर सोनी ने थ्रिलिंग कहानी लिखी है और उसे उसी अंदाज में दर्शकों के सामने पेश किया है। करीब डेढ़ घंटे की फिल्म पूरे टाइम आपको बांधे रखती है और आप स्क्रीन से नजर नहीं हटा पाते। हालांकि कईं बार आप खुद भी कन्फ्यूज हो जाते हैं।
राजीव और सैंडी के बीच ज्यादातर डायलॉग इंग्लिश में होने और सब टाइटल्स नहीं होने की वजह से हिंदीभाषी दर्शकों को समस्या आ सकती है। इस तरह की फिल्में एक लिमिटेड क्लास में ही पसंद की जाती हैं। यही वजह है कि यह फिल्म लिमिटेड स्क्रीन पर रिलीज हुई है। फिल्म में म्यूजिक का कोई खास स्कोप नहीं है। एक गाना बैकग्राउंड म्यूजिक में है लेकिन फिर भी आपको थ्रिलर फिल्में पसंद हैं, तो इस फिल्म को देख सकते हैं।